Neeraj Agarwal

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आप और हम जीवन के सच धारावाहिक लेखनी कहानी -26-Apr-2022

आप और हम जीवन के सच में आज एक मोहब्बत और वफा की कहानी के साथ जोड़ते हैं जीवन की पहेली कुछ इस तरह कि हम किसी से भी दिल लगाते हैं या प्यार करते हैं उसके विषय में हम अपने सपने और संसार रहने और साथ चलने के सोच बना लेते हैं पर हम मानव को यह नहीं मालूम कि कुदरत को क्या मंजूर है बस हम अपने सोच और सांसारिक समझ से यह समझते हैं कि जो हम कर रहे हैं वह सब हम ही कर रहे हैं और प्यार मोहब्बत बीवी बच्चे प्रेमिका आजकल जो घटना हो रही है सब हम कर रहे हैं बस एक बुढ़ापे में हम सोचते हैं कि जो करता है वह ईश्वर करता है यह जो घटना घट जाती है तब हम एहसास करते हैं कि हम कुछ नहीं है केवल ईश्वर करता है ऐसे ही एक प्रेम की कहानी एक स्कूल के लड़के राजन शुरू होती है राजन बहुत शर्मिंदा और समझदार लड़का और वह अपने ही घर से दूर दूसरी गली की लड़की कविता से मन ही मन प्यार करने लगा और दोनों साथ कॉलेज अलग अलग होने के बावजूद ट्यूशन एक ही पढते थे यह भी एक इत्तेफाक था 1 दिन कविता को कुछ लड़के ट्यूशन की राह में परेशान करते हैं उधर से राजन आता है और वह कहता है आप लोग क्यों परेशान कर रहे हो और वह उनको कहासुनी करके वहां से भगा देता है कविता धन्यवाद देकर अपने घर चली जाती है और राजन सोचता है पता नहीं सही हुआ या नहीं वह भी अपने घर चले घर की ओर  जाता है अगले दिन राजन को विश्वास नहीं होता है घर के दरवाजे पर कविता खड़ी है और राजन देखता रहता है वह कहती है घर में अंदर नहीं बुलाओगे हां क्यों नहीं आओ अंदर आओ मम्मी मम्मी यह कविता है हम पढ़ते हैं अच्छा बेटा आओ बेटी आओ बैठो बस आंटी जी राजन का शुक्रिया अदा करने आई थी कल तो मैं डर गई थी और बिना कुछ कहे वहां से चली आई क्यों क्या हुआ बस कुछ लड़के तंग कर रहे थे राजन में ही बचाया अच्छा अब यह ऐसे काम भी करने लगा है हंसते हुए मां ने कहा कोई बात नहीं बेटा यह भी तुम्हारा ही दोस्त है बैठो बेटा राजन कहता है अब वह लड़के कभी परेशान नहीं करेंगे नहीं राजन मेरे पापा का ट्रांसफर हो गया है और हम कल ही यह शहर छोड़ कर जा रहे हैं पता नहीं यह मुलाकात अब कब होगी मैं तुम्हें एक अच्छे दोस्त की तरह जीवन भर याद रखूंगी और बाकी सब ईश्वर कुदरत को जो मंजूर होगा वही जीवन होगा अरे ऐसा क्यों सोचती हो जीवन में दोस्ती तो एक ऐसे होते हैं जो हमेशा काम आते हैं और शहर थोड़ी ना मैं छोड़ रहा हूं आप जा रही हो याद रखना मेरा शहर मेरा घर हम फिर भी मिल सकते हैं अच्छा जहां भी रहो अपना ख्याल रखना और मेरी दोस्ती और मेरा नाम याद रखना मैं सच कहता हूं आप मेरी एक अच्छी दोस्त हो।

               जीवन में सभी एक दूसरे से मोहब्बत करें या दोस्ती करें और वह जीवन भर साथ रहे या मिले ऐसा कोई जरूरी नहीं है बस हम अपने भावनाओं को और सोच को एक निस्वार्थ और सांसारिक जरूरतों के हिसाब से सोच कर देखें तो उसमें भी एक कुदरत और भाग्य जिसे हम लोग मानते और पहचानते भी हैं वही सब कुछ निर्भर करता है आप और हम जीवन के सच में बस यही है मेरा संदेश हर कहानी का अंत यह सोच ऐसी ना हो जो हमें मालूम हो सकता है हमारा कोई चाहने वाला या पहचान दोस्ती तक ही सीमित होकर बहुत होकर बहुत महत्वपूर्ण हो अच्छा आप हम जीवन के सच में अगले मोड पर फिर मिलेंगे

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10 Comments

Mithi . S

01-Aug-2022 04:49 PM

Nice

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Milind salve

01-Aug-2022 01:37 AM

बहुत खूब

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Chudhary

31-Jul-2022 11:59 PM

Bhut acchi

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